गाजियाबाद। कविनगर के महिंद्रा एंक्लेव के बी-ब्लाॅक में प्लास्टिक का सामान और किराना के कारोबारी अमरदीप शर्मा उर्फ उर्फ अप्पू (42) ने पत्नी सोनू शर्मा (35) और बेटे विनायक (11) की ब्लेड से गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद का गला काटकर जान देने का प्रयास किया। उनकी हालत गंभीर है। मौके पर मिले तीन पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने अपने इस कदम की वजह कर्ज से परेशान हो जाना बताई है।
घायल हो जाने के बाद उन्होंने बृहस्पतिवार दोपहर करीब पौने दो बजे हिमाचल प्रदेश के ऊना में रहने वाले छोटे भाई नवदीप को काॅल कर कहा कि उन पर किसी ने हमला कर दिया है। नवदीप ने अमरदीप के पड़ोस में ही रहने वाली चाची संगीता को इसकी जानकारी दी। संगीता ने जाकर देखा तो अमरदीप के घर का दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने लोहे के गेट में बने जाल में हाथ देकर किसी तरह अंदर से दरवाजा खोल दिया।
संगीता ने पुलिस को बताया कि वह जैसे ही अंदर पहुंची, वहां फर्श पर खून बह रहा था। सोनू और विनायक बिस्तर पर पड़े थे और अमरदीप लहूलुहान हालत में फर्श पर था। वह शोर मचाते हुए बाहर निकल आईं। आसपास के लोगों ने पुलिस को खबर दी।
डीसीपी नगर कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो गया है कि अमरदीप ने कर्ज से परेशान होकर पत्नी व बेटे को मारकर आत्महत्या करने के प्रयास किया है। उन्होंने यह कुबूल भी कर लिया है। मौके पर ब्लेड और सुसाइड नोट मिला है।
रसोई से कमरे तक फैला था खून
अमरदीप के घर में कमरे से लेकर रसोई तक फर्श पर खून फैला हुआ था। माना जा रहा है कि ब्लेड से पत्नी और बेटे की हत्या कर अपना गला काटने के बाद वह रसोई में गए। इसी वजह से हर तरफ खून गिर गया और फैल गया। अमरदीप के पास एक कार भी है। कार के चालक सीट वाले दरवाजे और चालक सीट पर खून का धब्बा लगा मिला। आशंका जताई जा रही है। बुधवार रात अमरदीप ने पत्नी और बेटे की हत्या के बाद कार में से कुछ लेने या कहीं जाने का प्रयास किया था। कार की चाबी घर के अंदर ही मिली है।
ऋण नहीं मिल पाने के कारण उठाया आत्मघाती कदम
अमरदीप जिस मकान में रहते हैं, वह उनके पिता सतपाल शर्मा के नाम पर है। सतपाल रेलवे में टेक्नीशियन थे। उनकी एक साल पहले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। अमरदीप की मां सुदेश की भी दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है। अमरदीप ने पुलिस को बताया कि उन पर काफी कर्ज हो गया। जिसे उतारने के लिए उन्होंने मकान पर 25 लाख रुपये का ऋण लेने के लिए आवेदन किया था। ऋण स्वीकृत भी हो गया लेकिन उनके भाई नवदीप व बहन मेघा ने इसके लिए सहमति नहीं दी। इससे वह परेशान हो गए और यह आत्मघाती कदम उठाया। नवदीप ऊना में नौकरी करते हैं जबकि बहन मेघा दिल्ली कालका में रहती हैं।
फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी आते थे घर
पुलिस को जानकारी मिली कि अमरदीप ने फाइनेंस कंपनी से ऋण ले रखा है। जिसकी रिकवरी के लिए आए दिन फाइनेंस कंपनी से कर्मचारी उनके घर आए दिन आते थे। आसपास के लोगों ने बताया कि आज सुबह भी कुछ लोग फाइनेंस कंपनी से आए थे। लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो वे लौट गए।