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सिपाही भर्ती: अब तक मिली ये जानकारी,पकड़े जाने से पहले वकील ने अंकित का छीन लिया था मोबाइल

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सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों को पेपर बेचने के आरोपी वकील आशीष सचान ने बचने के लिए अपने फोन के साथ साथ दूसरे आरोपी अंकित के भी फोन का डाटा डिलीट कर दिया था। पुलिस अंकित का वह फोन ढूंढ रही है जिसपर आशीष ने लीक हुआ पेपर वाट्सएप के जरिये भेजा था।

दरअसल, अंकित को जब गिरफ्तार किया गया तो उसके पास मौजूद फोन में कोई डाटा ही नहीं था। पुराना डाटा रिकवर करने का प्रयास में असफल रहने पर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि अभ्यर्थी प्रदीप और फिर उसके पिता व दो भाइयों की गिरफ्तारी के बाद आशीष सचान उससे मिलने उसके घर आया था। वहां उसने जबरन उसका मोबाइल फोन ले लिया और दूसरा फोन देकर चला गया। उसके इस बयान के बाद ही पुलिस ने जब अभ्यर्थी प्रदीप के पिता व भाइयों से पूछताछ की तो उन्होंने भी उसी माध्यम से पेपर मिलने की बात कही।

उधर, गिरफ्तारी के समय आशीष ने पेपर अंकित को देने की बात तो स्वीकारी लेकिन उसने घाटमपुर के युवक पर पेपर मुहैया कराने का आरोप लगा दिया। चूंकि मामले में अभी तक वकील आशीष ही केंद्र बिंदु है। ऐसे में पुलिस यह जानने में जुटी है कि आशीष ने अंकित के अलावा और कितने लोगों को पेपर बेचा। साथ ही अंकित के भी उस फोन की तलाश की जा रही है जिसे आशीष ने अपने कब्जे में लेकर गायब कर दिया था। उसके फोन से भी पता चलेगा कि प्रदीप जैसे और कितने अभ्यर्थियों को अंकित ने बेच मुहैया कराए।

रिमांड कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी पुलिस

वकील आशीष के फोन का डाटा रिकवर होने के साथ ही पुलिस ने आशीष और अंकित से पूछताछ कर और जानकारी जुटाने व सवालों के जवाब के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड लेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार को कोर्ट में रिमांड लेने के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी। रिमांड मिलने पर कई सवालों के जवाब मिलने के बाद आगे जांच की जाएगी।

एसटीएफ कर रही घाटमपुर के शख्स की तलाश

घाटमपुर निवासी जिस युवक पर वकील आशीष ने भर्ती का प्रश्नपत्र मुहैया कराने की बात कही थी, उसकी तलाश में एसटीएफ ने गुरुवार को कई ठिकानों पर दबिश दी। एक टीम कानपुर देहात भी गई है। सूत्रों का कहना है कि आशीष के पास मिले फोन के डाटा से पेपर भेजे जाने की पुष्टि हुई है। यही नहीं, एसटीएफ अब इस मामले में कुछ ऐसे लोगों की भी तलाश कर रही है जिनसे आशीष ने पिछले एक हफ्ते में बात की थी। आशंका है कि इनमें से पांच से छह लोगों के पास भी पेपर पहुंचे थे। हालांकि उन लोगों से पूछताछ के बाद पता चलेगा कि लीक हुआ प्रश्नपत्र कितने लोगों को बांटा या बेचा गया।

एसटीएफ को ट्रांसफर हो सकता है केस

पेपर लीक कांड की मुख्य जांच कर रही एसटीएफ के पास जल्द ही गोविंदनगर का पेपर लीक केस ट्रांसफर हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस वकील और उसके साथी पर पेपर लीक के लिए संदेह है, उसके कहीं न कहीं प्रदेश स्तर पर पेपर लीक करने वालों से संपर्क होगा। ऐसे में इस बात पर मंथन जारी है कि केस अभी से एसटीएफ के हवाले कर दिया जाए या ठोस सबूत मिलने के बाद उसे एसटीएफ को ट्रांसफर किया जाए।

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