यूपी के बुलंदशहर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय संख्या-03 के न्यायधीश शिवानन्द ने 2002 में हुए हाकिम हत्याकांड के दोषी रघुवीर को उम्र कैद और 45000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
रंजिश में 22 साल पहले की गई थी हत्या
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय संख्या-03 के एडीजीसी ध्रुव कुमार वर्मा एवं भूपेन्द्र राजपूत ने बताया कि वर्ष 2005 में कोतवाली देहात बुलंदशहर में नवाब पुत्र सुबराती, निवासी- मानकपुर, थाना कोतवाली देहात, जिला बुलन्दशहर ने कोर्ट के आदेश पर अपने भाई हाकिम की पीट पीटकर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि बंगला पुठरी के प्रधान का बाग सन् 2002 में फसल बहार के लिए लिया था, जिससे रघुवीर आदि विपक्षीगण नाखुश थे, और रंजिश मानने लगे थे।6.06.2002 की शाम को रघुवीर, चन्द्रपाल, रामफल आदि आये और प्रार्थी को धमकी दी तथा गाली गुफ्तार की, प्रार्थी के लड़के हाकिम ने विपक्षीगण का मुकाबला किया, जिससे विपक्षीगण चैलेंज देकर चले गये।
अगले दिन 07.06.2002 को विपक्षीगण ने नानक मुल्जिम के’ मकान पर मीटिंग की और प्रार्थी के लड़के की हत्या करने का षडयंत्र रचा। दिनांक 08.06.2002 की रात को विपक्षीगण नाजायज गिरोह बनाकर लाठी, डंडा व हॉकी से मुसल्ला होकर बदनीयती से बाग में पहुंचे और प्रार्थी के लड़के हाकिम को लाठी, डंडा व हॉकी से पीट पीटकर हत्या कर दी और लाश को छिपाने की गरज से गांव के पास बम्बे की पटरी पर लाकर फैंककर फरार हो गए थे। पुलिस ने रघुवीर सहित आधादर्जन आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने मामले में चार्जशीट भी दाखिल की थी।
एडीजीसी ध्रुव कुमार वर्मा एवं भूपेन्द्र राजपूत ने बताया कि हाकिम हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय संख्या-03 के न्यायधीश शिवा नन्द ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने, न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त रघुवीर उपरोक्त को दोषी करार देते हुए उम्र कैद और 45000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।