Muzaffarnagar News: रिश्वत लेते हुए उन्हें सहकर्मी क्लर्क अजय कुमार के साथ पकड़ा, अधिशासी अभियंता नीरज का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त
मुजफ्फरनगर। लोक निर्माण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता नीरज सिंह के जमानत प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण/अपर सत्र न्यायालय मेरठ के पीठासीन अधिकारी प्रहलाद सिंह ने निरस्त कर दिया है। विजिलेंस मेरठ की टीम में मुजफ्फरनगर कार्यालय में रिश्वत लेते हुए उन्हें सहकर्मी क्लर्क अजय कुमार के साथ पकड़ा था।
मामला 19 फरवरी को थाना नई मंडी क्षेत्र का है। बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के गांव सादतपुर जोनमाना निवासी ठेकेदार प्रियव्रत तोमर की शिकायत पर मेरठ से पहुंची विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया था। ठेकेदार की जेब में वाइस रिकॉर्डर लगाया और रंग लगाकर पांच-पांच सौ रुपये के नोटों की दो गड्डियां देकर ऑफिस भेजा। एक्सईन के कक्ष में ठेकेदार ने रुपये का इंतजाम होने की बात कहीं।
अधिकारी ने बाबू अजय को बुलाकर रुपये लेने को बोला। जैसे ही बाबू ने रूम में जाकर ठेकेदार से रंग लगी दो गड्डियां पकड़ीं। टीम ने दबोच लिया। उसने एक्सईन नीरज सिंह का नाम बताया और उन्हीं के कहने पर रिश्वत लेने की बात कबूली। दोनों अभियुक्तों का सामना सामना कराया गया था और शिकायतकर्ता और एक्सईन की वॉयस रिकॉर्डिंग को सुनने बाद उन्हें भी हिरासत में लेकर मंडी थाने में विजिलेंस के निरीक्षक श्याम सिंह पालीवान ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एफआईआर दर्ज कराई थी। दोनों का रिमांड मेरठ अदालत में कराने के बाद जेल भेजा गया था। जमानत अर्जी पर मेरठ विशेष न्यायालय में सुनवाई हुई । पीठासीन अधिकारी ने सुनवाई के बाद तथ्यों को गंभीर मानते हुए अधिशासी अभियंता नीरज सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
यह था मामला
निर्माण खंड एक में पांच टेंडर ऑनलाइन डाले गए थे। कम दरों के कारण सभी पांचों सड़क निर्माण के कार्य शिकायतकर्ता के नाम स्वीकृत हुए थे। आरोप है अधिशासी अभियंता ने कार्यों की लागत का चार प्रतिशत 1.35 लाख रुपये की मांग पूरी किए जाने तक निविदा मंजूर नहीं कर रहे थे। परेशान होकर ठेकेदार ने मामले की शिकायत विजिलेंस में की थी। विजिलेंस से डीएम को स्वतंत्र गवाह के लिए पत्र लिखा और ट्रेपिंग के लिए टीम गठित की। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने दो नायब तहसीलदारों को गवाह के लिए अधिकृत करते हुए टीम के साथ रवाना किया था।
दो किशोरों की मौत के मामले में जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त
मुजफ्फरनगर। खतौली के कैलावड़ा कलां में अवैध पटाखा फैक्टरी में धमाके में अनुसूचित जाति के दो किशोरों की मौत के मामले में आरोपी शादाब ने अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। अदालत ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। आरोपी शादाब के घर हुए धमाके में मारे गए दीपांशु कक्षा छह व पारस कक्षा पांच में पढ़ते थे, लेकिन साथ ही अपने पिता का हाथ बंटाने व पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए मजदूरी भी करते थे। पारस के पिता गजे सिंह ने की तहरीर पर एससी/एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में शादाब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि शादाब का जमानत प्रार्थना पत्र अदालत ने निरस्त कर दिया है।