मुजफ्फरनगर। पुलिस की पाठशाला में छात्राओं को साइबर अपराध से बचाव के तरीके बताए गए। एसपी क्राइम प्रशांत कुमार ने कहा कि इंटरनेट से जीवन आसान हुआ है, लेकिन खतरे भी बढ़े हैं। सोशल प्लेटफार्म का सावधानी पूर्वक प्रयोग करना चाहिए। फेसबुक व सोशल मीडिया पर निजी जानकारियां कतई साझा न करें। सोशल मीडिया शीशे के घर की तरह है।
नई मंडी क्षेत्र के ताराचंद वैदिक पुत्री डिग्री काॅलेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसपी क्राइम प्रशांत कुमार ने छात्राओं को साइबर अपराध से बचाव व महिला हेल्प लाइन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी ठगी करने व अपने जाल में फंसाने के लिए रोज नए तरीके अपनाते हैं, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। अपने मोबाइल का पासवर्ड हर छह में बदलना चाहिए। किसी भी प्रकार के ऑनलाइन लालच में नहीं फंसना चाहिए। ऑनलाइन पैसा कमाने, लाटरी निकलने का झांसा दिया जाएगा। ऑनलाइन सस्ता सामान बेचने के नाम पर पैसा ठग सकते हैं। परिचित बनकर ठगी की जा सकती है। गूगल से कभी भी कोई नंबर न लें, वहां साइबर अपराधियों ने फर्जी नंबर अपलोड किए हुए हैं।
ठगी होने पर यहां करें कॉल
धोखा होने पर तुरंत ही 1930 नंबर पर तुरंत सूचना दें। आसपास के थाने में पहुंचकर भी जानकारी दे सकते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर व आर्थिक दो प्रकार के अपराध होते है। किसी अनजान की फ्रेंडस रिक्वेस्ट का जवाब न दें। कोई ओटीपी किसी को न दें। फेसबुक पर अपनी जानकारी साझा न करें।
परिजनों को बनाएं अपना दोस्त
धोखा होने या अन्य कोई भी बात हो, अपने परिजनों व शिक्षिका से जरूर शेयर करें। बिना हिचक पुलिस को बताएं। महिला थाना व हर थाने में बनी महिला हेल्प डेस्क की मदद लें। महिला हेल्प लाइन 181, 1090 पर सूचना दें। पीड़ित का नाम गोपनीय रखा जाएगा। छात्रा साहिबा, अंजू, विशाखा, ज्योति ने एसपी क्राइम से विभिन्न प्रश्न पूछे।
प्राचार्या ने छात्राओं को किया जागरूक
प्राचार्या डॉ. संगीता चौधरी ने बताया कि एक बार साइबर अपराधी ने उनकी बेटी के साथ धोखाधड़ी की थी। उनकी बेटी से दस हजार रुपये ठग लिए गए थे। साइबर अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। सभी को सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान डाॅ. योगिता शर्मा, इंस्पेक्टर नई मंडी बबलू कुमार, एनएसएस समन्वयक डाॅ. हेमलता व पीटीआई दिव्या हांडा मौजूद रहीं।