उन्नाव जिले में आलमखेड़ा गांव के बाहर स्थित ब्रह्मदेव मंदिर के पुजारी के सेवादार की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। दो सौ मीटर दूर शिव मंदिर के पास उसका सिर और धड़ अलग-अलग मिले। ग्रामीणों ने शिव मंदिर के पुजारी को खून लगा बांका और डंडा लेकर भागते देखा, तब घटना की जानकारी हुई।
सूचना पर एएसपी, फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे और जांच की। अभी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मृतक के साथ रहने वाले पुजारी से पूछताछ कर रही है। वहीं, तीन पुलिस की टीमें फरार साधु की तलाश और घटना की जांच में जुटी हैं। पूछताछ के लिए कुछ लोगों को उठाया भी गया है।
मोहान-औरास मार्ग पर आलमखेड़ा गांव के पास जमालनगर के टीले पर ब्रह्मदेव बाबा और इससे दो सौ मीटर की दूरी पर शिव मंदिर है। ब्रह्मदेव बाबा में गहरावां गांव निवासी मैकू साईं पुजारी हैं। जबकि शंकर मंदिर में हसनगंज कोतवाली के हाजीपुर तरेहा गांव निवासी बबलू पासवान करीब पांच साल से साधु बनकर रह रहा था।
सिर और धड़ अलग-अलग पड़े मिले
ब्रह्मदेव मंदिर के पुजारी मैकू साईं के साथ बीते छह महीने से एक करीब 35 वर्षीय युवक सेवादार बनकर रह रहा था। सोमवार रात करीब साढ़े सात बजे सेवादार खाना बनाने के लिए गांव की किराना की दुकान से आटा, तेल व अन्य सामान लेकर ब्रह्मदेव मंदिर जा रहा था। रास्ते में 200 मीटर पहले शिव मंदिर के पास उसका सिर और धड़ अलग-अलग पड़े मिले।
पुजारी को खून लगा बांका और लाठी लेकर भागते देखा
उसकी धारदार हथियार से हत्या की गई है। ग्रामीणों ने शिव मंदिर के पुजारी बबलू पासवान को हाथ में खून लगा बांका और लाठी लेकर गांव से भागते देखा। इसके बाद उसी पर सेवादार की हत्या करने का अंदेशा जताते हुए पुलिस को सूचना दी। थानाध्यक्ष रेखा सिंह मौके पर पहुंचीं और उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी।
एएसपी भी पहुंचे, मृतक की जानकारी जुटाई
बांगरमऊ सीओ अरविंद कुमार फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे और जांच शुरू की। रात करीब साढ़े नौ बजे एएसपी दक्षिणी प्रेमचंद्र भी मौके पर पहुंचे और मृतक के साथ रहने वाले पुजारी, गांव के चौकीदार और ग्रामीणों से घटना और मृतक चाल चलन, व्यवहार आदि की जानकारी ली।
पुजारी नहीं बता सके मृतक का नाम-पता
ब्रह्मदेव मंदिर के पुजारी मैकू साईं, मृतक का नाम व पता नहीं बता सके। उन्होंने पुलिस को बताया कि छह महीने पहले वह युवक यहां आया था और मंदिर व उनकी सेवा करने लगा। बताया कि उसने (मृतक ने) अपना नाम नहीं बताया, वह उसे बच्चा कहकर बुलाते थे।
शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। एसपी ने बताया कि शिव के पुजारी की तलाश की जा रही है। उसके पैतृक गांव के अलावा परिचितों और रिश्तेदारों की जानकारी कर पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। बताया कि उसके पकड़े जाने के बाद ही हत्या की वजह का पता चल सकेगा।
बबलू ने पांच साल पहले छोड़ा था गांव
युवक की हत्या करके भागा शिव मंदिर में साधु बनकर रह रहा बबलू रावत मूल रूप से हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर तरेहा गांव का रहने वाला है। बबलू के पिता बैजनाथ ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी से बबलू था और दूसरी पत्नी से पिंटू और बउवा हैं।
पैतृक घर भी पहुंची है पुलिस की टीम
माता-पिता की मौत के बाद पारिवारिक विवादों के चलते पांच साल पहले बबलू ने अपना घर छोड़ दिया था और तब से शिव मंदिर में ही साधू वेष में रह रहा था। पुलिस उसकी कुंडली खंगालने में जुटी है। एक टीम उसके पैतृक घर भी पहुंची है।