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कार हादसे में तीन दोस्तों की मौत, बचपन की दोस्ती अंतिम समय तक रही साथ

fatehpur road accident
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फतेहपुर जिले के तीन परिवारों में हादसे से मातम छा गया। तीनों की एक साथ मौत से आसपास के लोगों की भी आंख नम दिखीं। अपनों के खोने के दर्द में परिजन विलाप करते दिखे। आसपास कोई फोटो वीडियो बनाते दिखा, तो आपा खोते नजर आए। सच ही है जिस पर दुखों का पहाड़ टूटता है, उसे कुछ भी नहीं सूझता है।

आबूनगर के होम्योपैथ डॉक्टर संजय सचान स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हैं। उनकी सरकारी व गैरसरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के लोगों से अच्छे संबंध हैं। बेटे मयंक की सगाई में सभी पहुंचे थे। अचानक लोग सुबह हादसे में मयंक की खबर सुनकर हैरत में पड़ गए। संचालक संजय का मयंक इकलौता पुत्र था।

वह पड़ोसी युवती से बेटे की शादी कर रहे थे। दोनों परिवार की खुशियों में हादसे का ग्रहण लगा है। खुशियों के जगह परिवारों में मातम छा गया। एक बहन अनामिका है। बहन अनामिका और मां रेखा सचान मयंक की मौत से बदहवास दिखे। वह रोते-रोते बेहोश हो जाते रहे।

28 फरवरी को सत्यम गुप्ता की हुई थी शादी

उधर, राधानगर का शिवम गुप्ता अपने दोस्त मयंक की सगाई में शामिल होने छत्तीसगढ़ से दो दिन की छुट्टी लेकर आया था।  उसके बड़े भाई सत्यम गुप्ता की 28 फरवरी को शादी हुई थी। वह शादी के बाद काम पर लौट गया था। बड़ा भाई सत्यम सब रजिस्ट्रार कार्यालय में संविदा पर नौकरी करता है।

सहिमापुर वाले मित्र से मिलने जा रहे थे तीनों

मां पुष्पा बहुआ ब्लॉक के चंदौरा प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक है। इधर, गौरांग अपने बड़े दो भाइयों शशांक और प्रशांत से छोटा था।  भाइयों और मां ऊषा सचान बिलखते दिखे। कारोबारी पिता ने बताया कि गौरांग और उसके मित्रों का एक दोस्त सहिमापुर में रहता है। सहिमापुर वाले मित्र की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। बाहर से आए दोस्त शादी में शामिल नहीं हो सके थे। इसी वजह से मिलने जा रहे थे।

स्कूल की दोस्ती का अंतिम समय तक साथ

बचपन की दोस्ती में अंतिम वक्त तक साथ निभाने की कसमें सभी खाते हैं, लेकिन लंबे समय तक दोस्ती बहुत ही कम की चल पाती है। इनमें अंतिम समय तक शायद ही कोई साथ दे पाता है। कार हादसे में जान गंवाने वाले तीनों बचपन से मरने तक एक साथ रहे हैं। हादसे का शिकार मयंक, शिवम और गौरांग बचपन से एक साथ महर्षि विद्या मंदिर में पढ़ते थे।

सगाई पार्टी में तीनों एक साथ रहे

स्कूल के दिनों में तीनों एक दूसरे के घर आते-जाते थे। एक साथ खेलते और पढ़ाई करते थे। इंटर के बाद मयंक और शिवम आईटी की तैयारी करने लगे। मयंक ने कानपुर से आईटी की पढ़ाई की। वहीं शिवम ने धनबाद आईटी कालेज से पढ़ाई कर नौकरी पाई। तीनों अपने कुछ दोस्तों के साथ हमेशा ही एक दूसरे मिलते-जुलते रहते थे। शिवम दोस्त की सगाई में शामिल होने के लिए बड़ी मुश्किल से दो दिन की छुट्टी पर आया था।

ड्राइवर को छोड़ गया था गौरांग

घर से गौरांग और परिवार के लोग मयंक की सगाई में गए थे। गौरांग के पिता ने बताया कि कार का ड्राइवर पहले सभी को छोड़ गया था। करीब रात 12 बजे गौरांग घर आया और वह ड्राइवर को छोड़ गया। बेटे से ड्राइवर को ले जाने को बोला था, लेकिन वह साथ में कुछ दोस्तों के होने की बात कहकर ड्राइवर को नहीं ले गया।

कैबिनेट मंत्री ने कंधा दिया, कई चर्चित लोग रहे मौजूद

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान हादसे की खबर पर गौरांग सचान और मयंक सचान के घर पहुंचे। पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। मंत्री राकेश ने गौरांग के शव को कांधा दिया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने फेसबुक पर दुखद घटना को लेकर शोक व्यक्त किया। बार अध्यक्ष राकेश वर्मा, सपा नेता डॉ. अशोक पटेल, डॉ. आलोक सचान समेत तमाम लोग पहुंचे।

कोतवाली के भिटौरा मार्ग पर हुआ दर्दनाक हादसा

भिटौरा मार्ग पर रविवार देर रात तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराने के बाद खंती में पलट गई। हादसे में फॉर्च्यूनर सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एनएमडीसी के सहायक प्रबंधक समेत तीन दोस्तों की मौत हो गई, जबकि एक घायल को रेफर किया गया। सभी लोग सगाई कार्यक्रम के बाद दोस्त से मिलने जा रहे थे।

पुलिस हादसे की वजह तेज रफ्तार बता रही

पुलिस हादसे की वजह तेज रफ्तार बता रही है, जबकि परिजन मवेशी के सामने आ जाने से कार पलटने की बात कह रहे हैं। शहर के आबूनगर निवासी होम्योपैथिक डॉक्टर संजय सचान के पुत्र मयंक सचान (27) नोएडा स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर थे। उनकी आबूनगर स्थित एक मैरिज हॉल में रविवार रात सगाई थी।

गौरांग चला रहा था कार

मयंक की सगाई में उनके बचपन के दोस्त राधानगर निवासी शिवम गुप्ता (25), आवास विकास निवासी गौरांग सचान (27), पटेल नगर निवासी दिव्यांश गुप्ता (26), सिविल लाइन निवासी डॉ. आरकेंद्र श्रीवास्तव (27) पहुंचे थे। रविवार की रात करीब रात तीन बजे सगाई कार्यक्रम के बाद सभी दोस्त गौरांग की फॉर्च्यूनर से सहिमापुर गांव में रहने वाले दोस्त से मिलने जा रहे थे। कार गौरांग चला रहे थे।

 

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