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दो चीनी मिलों ने इंडेंट जारी करने के बाद मिल बंद करने का नोटिस किया जारी

Sugar Mill Titavi
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मुजफ्फरनगर। जिले की दो चीनी मिलों ने अतिरिक्त इंडेंट जारी करने के बाद मिल बंद करने का नोटिस जारी कर दिया है। खाइखेड़ी ने 24 मार्च और रोहाना ने 28 मार्च का नोटिस चीनी मिल के बाहर चस्पा कर दिया है। टिकौला और भैसाना चीनी मिल के 10 अप्रैल तक बंद होने की संभावना है।

इस बार गत वर्ष के सापेक्ष चीनी मिलों में सवा करोड़ क्विंटल गन्ना कम जाने की संभावना है। करीब 15 साल बाद मार्च माह में चीनी मिल बंद किए जाने की तैयारी है। जिले में आठ चीनी मिले हैं। प्रतिवर्ष चीनी मिलों के सत्र का समापन 15 अप्रैल के बाद से लेकर मई के दूसरे सप्ताह तक होता रहा है। इससे पहले 2009-10 में गन्ने को लेकर चीनी मिलों और कोल्हुओं में प्राइसवार हुई थी। तब मार्च माह में मिलें बंद हुई थीं। इस वर्ष मार्च माह में चीनी मिलें बंद होनी प्रारंभ हुई थीं। तब से लेकर अब तक मार्च माह में चीनी मिलें बंद नहीं हुईं।

इस बार जिले में गन्ने का क्षेत्रफल तो बढ़ा जो एक लाख 71 हजार हेक्टेयर से एक लाख 76 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया, लेकिन उत्पादन घट गया है। अत्यधिक बारिश और बाढ़ का गन्ने पर सीधा असर हुआ है। सवा करोड़ क्विंटल गन्ने का उत्पादन गत वर्ष से कम होने की संभावना है। पिछले वर्ष 10 करोड़ 36 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई चीनी मिलों ने की थी। इस वर्ष अब तक सात करोड़ 71 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई है। जिले की भैसाना और टिकौला में 11वां पक्ष चल रहा है। 10 अप्रैल तक मिल बंद होने की संभावना है। खतौली, मंसूरपुर, तितावी और मोरना अप्रैल के अंत तक चल सकती हैं। इन चारों चीनी मिलों का दसवां पक्ष चल रहा है।

रोजाना बंद रखनी पड़ रही चीनी मिल

जिले की खाइखेड़ी चीनी मिल के जीएम संजीव कुमार ने बताया कि हम 24 मार्च को चीनी मिल बंद करने का नोटिस निकाल चुके हैं। गन्ना कम आने के कारण सात से 10 घंट चीनी मिल को प्रतिदिन बंद रखना पड़ रहा है। 28 मार्च तक हमारी मिल पूरी तरह बंद हो जाएगी। पिछले वर्ष मिल ने 71 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी इस बार 55 लाख क्विंटल गन्ना ही मिल में आ पाया है। सोलानी और गंगा नदी में बाढ़ से गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। पिछले साल मिल नौ मई तक चली थी। 2005 से चीनी मिल चल रही है 2009-10 के बाद दूसरी बार यह स्थिति बनी है।

रोहाना मिल ने यह दिया नोटिस

रोहाना गन्ना समिति के सचिव शशि प्रकाश सिंह का कहना है कि रोहाना मिल ने 28 मार्च का बंदी का नोटिस जारी किया है। तीन दिन अधिक चीनी मिल चल सकती है। खाइखेड़ी और रोहाना गन्ना सट्टे का 12वां पक्ष पूरा करने के बाद अतिरिक्त कैलेंडर जारी कर चुके हैं। बागपत जिले की रमाला और बागपत दोनों छोटी चीनी मिले हैं, जिनकी पेराई क्षमता कम है। प्रदेश के गन्ना आयुक्त प्रभुनारायण सिंह ने रमाला मिल क्षेत्र का 4.28 लाख क्विंटल और बागपत चीनी मिल का 3.01 लाख क्विंटल गन्ना खतौली चीनी मिल को आवंटित किया है।

2019-20 में सबसे देरी तक पेराई

चीनी मिलों में गन्ना पेराई के इतिहास की बात करें तो कोरोना काल में 2019-20 में सत्र सबसे लंबा चला। जिले की मंसूरपुर चीनी मिल ने इस सत्र में 19 जून तक गन्ना पेराई की थी। अन्य मिल मई के अंत तक चली थी। वर्ष 2022-23 में जिले की चीनी मिले 29 मई तक चली। भैसाना मिल सबसे पहले 10 अप्रैल को बंद हुई। रोहाना 22 अप्रैल को, टिकौला 24 अप्रैल को, तितावी 25 अप्रैल को बंद हुई। खतौली, खाइखेड़ी और तितावी नौ मई को, मंसूरपुर 11 मई को, मोरना 29 मई को बंद हुई। जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया का कहना है कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष गन्ने का उत्पादन दस प्रतिशत घट सकता है। अत्यधिक वर्षा, बाढ़ का गन्ने की खेती पर प्रभाव पड़ा है।

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