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जिला चिकित्सालय में हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या अधिक

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मुजफ्फरनगर। हेपेटाइटिस सी जिले में लगातार बढ़ रहा है। इसकी चपेट में महिलाएं भी आ रही है। जिला चिकित्सालय में हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या अधिक है, जिनका उपचार जारी है। रोजाना 15-20 मरीज दवा लेने के लिए पहुंचते हैं।

स्वामी कल्याण देव जिला चिकित्सालय में जनवरी से अब तक हेपेटाइटिस सी के 226 मरीज का उपचार के लिए पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें 111 पुरुष, 112 महिलाएं और तीन 18 वर्ष के युवा शामिल है। हालांकि हेपेटाइटिस बी के चार मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. योगेंद्र त्रिखा ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी दोनों ही संक्रमित इंजेक्शन और खून के कारण होती है। इन मरीजों का खून भी किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है।

लीवर में सूजन होने के कारण भी हेपेटाइटिस रोग होता है। हेपेटाइटिस के कई कारण हो सकते हैं। इस वायरल इन्फेक्शन के कारण जान को खतरा भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि पहले हेपेटाइटिस के मरीजों को सप्ताह में दो दिन परामर्श दिया जाता था, लेकिन अब रोजाना ही मरीजों की जांच कर उन्हें दवा दी जाती है।

हेपेटाइटिस की वायरल लोड जांच की सुविधा बढ़ी

जिले में हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या को देखते हुए अब वायरल लोड की जांच भी निशुल्क होने लगी है। इससे पहले मरीजों को वायरल लोड के लिए निजी पैथोलॉजी लैब पर जाना पड़ता था। अब जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस मरीजों के ब्लड सैंपल का कलेक्शन होने के बाद कूकड़ा स्थित बीएसएल लैब में मात्रात्मक परीक्षण किया जाता है।

हेपेटाइटिस रोगी इन बातों का रखें ध्यान

– मैदा से बना खाना और मीठी चीजों का सेवन न करें।

– ताजा फलों का जूस पीएं और खूब पानी पीएं।

– प्याज और लहसुन का प्रयोग भी कर सकते हैं।

 

– भोजन को चबा-चबाकर अच्छी तरह से खाएं।

– एक साथ पेट भरकर भोजन कतई न करें।

– दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन ही करें।

ये हैं हेपेटाइटिस के लक्षण

– यूरीन का रंग बदलना

– बहुत अधिक थकान

– पीलिया हो जाना

– जी मिचलाना व उल्टी लगना

– पेट दर्द और लीवर में सूजन

– अचानक से वजन कम हो जाना

– भूख न लगना या कम लगना

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