नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने पर सपा और कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा की धार्मिक विद्वेष वाली राजनीति बताया है। नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में हार के डर से भाजपा ने यह दांव चला है, जिससे हिंदू और मुस्लिम मतदाताओं को भड़काया जा सके। भाजपा ने इस बार भी चुनाव को धार्मिक रंग देने की कवायद शुरू कर दी है।
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि आइएनडीआइए गठबंधन की चुनाव में जीत होने जा रही है। पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक एकजुटता से घबराई भाजपा ने अब हिंदू-मुस्लिम का खेल शुरू किया है लेकिन इसका फायदा उसे नहीं होगा।
यह ध्यान भटकाने की कोशिश है‘
सपा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मुनीन्द्र शुक्ल ने कहा कि यह ध्यान भटकाने की कोशिश है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड पर आदेश सुनाया तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए शाम को सीएए की घोषणा कर दी। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी से ध्यान भटकाने और हिंदू-मुस्लिम विभाजन कर दोनों वर्गों को बीच भय पैदा करने की राजनीति पर भाजपा काम कर रही है।
नगर ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष अमित पांडेय का कहना है कि भरत वसुधैव कुटुंबकम व अतिथि देवो भव: की भावना वाला देश है। भाजपा ने हमेशा से ही उन पावन परंपराओं को ठेंगा दिखाया है। चुनाव में लाभ लेने के लिए सीएए लागू किया है। बसपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार कप्तान ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के अनुसार कदम उठाएंगे।