उत्तर प्रदेशभारत

दहेज हत्या में पति को सात साल का कारावास

Jail
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कानपुर देहात। मंगलपुर क्षेत्र के सुरासी में करीब आठ साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता की मौत हो गई थी। शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर अपर जिला जज चतुर्थ की अदालत ने पति को दहेज हत्या का दोषी पाते हुए उसे सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया ।

सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अकबरपुर क्षेत्र के गांव निरंजनपुर निवासी उदय नरायन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसने अपनी पुत्री गीता की शादी 15 फरवरी 2015 को मंगलपुर क्षेत्र के गांव सुरासी निवासी सोनू के साथ की थी। शादी में उसने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था। इसके बावजूद सोनू और उसके पारिवारिक अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपये की मांग कर उसकी पुत्री को प्रताड़ित करते थे। पांच सितंबर 2016 को उसकी पुत्री गीता को उसके पति सोनू, सास विमला देवी, ननद बीना, नंदोई अरविंद ने उसे जलाकर मार दिया। पुलिस ने मामले की विवेचना करते हुए आरोपी पति सोनू व सास विमला देवी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किए थे। वहीं ननद व नंदोई के खिलाफ कोई साक्ष्य न पाए जाने पर उनका नाम हटा दिया था। मामले की सुनवाई अपर जिला जज चतुर्थ रवि यादव की अदालत में चल रही थी। शुक्रवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी पति को दहेज हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे सात साल के कठोर कारावास  की सजा सुनाई। इसके साथ ही उस पर तीन हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। वहीं आरोपी सास को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है।

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