उत्तर प्रदेशभारत

नौ आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

judge-hammer-gavel-lf-1-1024x585-1-1
54views

सुल्तानपुर। अमेठी कोतवाली के गंगागंज सरवनपुर निवासी रहमान की पत्नी फात्मा ने गांव के ही रियाजुद्दीन, रिंकू, आजम, नरायन, बल्लन, आशीष, अर्जुन वर्मा, चांद बाबू व सचिन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। वादी फात्मा के अधिवक्ता राजकुमार गौड़ के मुताबिक फात्मा के पुत्र अमन का आरोपी रिंकू से फल खरीदने को लेकर विवाद हो गया था। इस पर रिंकू ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।

एक अगस्त 2023 को अमन को आरोपी रियाजुद्दीन मछली पकड़ने के लिए बुलाकर अपने साथ ले गया था। कोलवा ठेंगडा नदी के पास आरोपियों ने अमन की मारपीट कर हत्या कर दी थी और शव नदी में फेंक दिया था। पुलिस के केस न दर्ज करने पर फात्मा ने कोर्ट की शरण ली थी। सीजेएम बटेश्वर कुमार ने अमेठी कोतवाल को आदेश दिया है कि वह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना करें और अनुपालन आख्या सात दिन में कोर्ट भेजे। (संवाद)

खारिज की कछुआ तस्कर की अपील, भेजा गया जेल

सुल्तानपुर। दुलर्भ प्रजाति के 6,334 कछुआ बरामद होने के मामले में सीजेएम कोर्ट के तस्कर को तीन साल की कैद 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा करने को चुनौती देने वाली अपील एडीजे प्रथम अभय श्रीवास्तव ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने सजा बहाल करते हुए तस्कर को जेल भेजने का आदेश दिया है।

वन विभाग के अधिवक्ता एमपी त्रिपाठी के मुताबिक एसटीएफ लखनऊ के निरीक्षक राजेश चंद्र त्रिपाठी को इस बात की जानकारी मिली थी कि अमेठी जिले के गौरीगंज थाने के चतुरीपुर (मऊ) गांव में कछुओं की तस्करी करने का संगठित गिराेह सक्रिय है। उन्होंने गौरीगंज थाने की पुलिस व अमेठी जिले की वन विभाग की टीम के साथ 10 जनवरी 2017 को छापा मारकर राज बहादुर को कछुआ तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार कर दुलर्भ प्रजाति के 6,334 कछुआ बरामद किया था जबकि गिरोह के अन्य आरोपी फरार हो गए थे।

आरोपी के खिलाफ वन विभाग ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया था। 17 अप्रैल 2019 को सीजेएम कोर्ट ने तस्कर राज बहादुर को तीन वर्ष कैद व 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। तस्कर ने अपील दायर कर सजा को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। एडीजे प्रथम अभय श्रीवास्तव ने तस्कर की अपील खारिज कर सीजेएम कोर्ट के सजा करने के फैसले काे बहाल कर दिया और सजा भुगतने के लिए उसे जेल भेजने का आदेश दिया है।

 

पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था दुलर्भ प्रजाति का कछुआ

दुलर्भ प्रजाति के कछुओं को तस्करी करके पश्चिम बंगाल बेचने के लिए ले जाया रहा था। अमेठी जिले के वन विभाग के अधिवक्ता एमपी त्रिपाठी ने बताया कि बरामद कछुआ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-एक के तहत संरक्षित दुलर्भ प्रजाति का जीव है। इसका शिकार करना प्रतिबंधित है।

 

पोस्ट शेयर करें

Leave a Response